इन आँखों में तिर आता है
तुम्हारा चेहरा ,
तुम्हारा चेहरा ,
होटो की मुस्कराहट दिलो पर
उभरने लगता है ,
उभरने लगता है ,
पर
आज भी उसे देखने ki चाह हो रही hai
इन आँखों को ।
समय के अन्तराल ने दुरिया ही ढाल दी .
इन आँखों को ।
समय के अन्तराल ने दुरिया ही ढाल दी .