बेखौफ़ निगाहों से
जब तुम देखते हो मुझे
दिल उदास हो जाता है
बीते हुए क्षण
क्यूँ याद आते है इतना
फिर तड़प जाती हूँ मैं
अपना प्यार पाने के लिये
वो तमाम हरकते
गुदगुदाने लगती है
मेरे अस्मरण को
मेरी चाह थी तुम्हारे संग जीने की
पर समय और मज़बूरी ने
मुझे तोड़ दिया
आज मैं तुम्हें खोकर भी
तुम्हारी जान हूँ
प्यार है मेरी साँसों में
इस जिंदगी की किस्मत
सिर्फ़ आंसू है
हाँ
आज भी इस जिंदगी की
चमक में तुम हो।
Tuesday, December 30, 2008
इस जिंदगी की चमक में तुम हो
बेखौफ़ निगाहों
से जब तुम देखते हो
मुझे दिल उदास हो जाता है
बीते हुए क्षण क्यूँ याद आते हैं
इतना फिर तड़प जाती हूँ मैं
अपना प्यार पाने के लिये
वो तमाम हरकते गुदगुदाने लगती है
मेरे अस्मरण को
मैंने चाहा था तुम्हारे संग जीना
पर समय और मज़बूरी ने मुझे तोड़ दिया
आज मैं तुम्हें खोकर भी तुम्हारी जान हूँ
प्यार है मेरी साँसों में इस की किस्मत
सिर्फ़ आंसू है हाँ
आज भी इस जिंदगी की चमक में तुम हो
से जब तुम देखते हो
मुझे दिल उदास हो जाता है
बीते हुए क्षण क्यूँ याद आते हैं
इतना फिर तड़प जाती हूँ मैं
अपना प्यार पाने के लिये
वो तमाम हरकते गुदगुदाने लगती है
मेरे अस्मरण को
मैंने चाहा था तुम्हारे संग जीना
पर समय और मज़बूरी ने मुझे तोड़ दिया
आज मैं तुम्हें खोकर भी तुम्हारी जान हूँ
प्यार है मेरी साँसों में इस की किस्मत
सिर्फ़ आंसू है हाँ
आज भी इस जिंदगी की चमक में तुम हो
Friday, November 28, 2008
दोस्ती को कभी इत्तफाक नही कहते
सिर्फ़ रिश्तों के बंधन को ,
विश्वाश नही कहते
हर आंसू को जज्बात नही कहते
किस्मत से मिलते हैं
दोस्त जिंदगी में
इसलिया दोस्ती को कभी
इत्तफाक नही कहते
विश्वाश नही कहते
हर आंसू को जज्बात नही कहते
किस्मत से मिलते हैं
दोस्त जिंदगी में
इसलिया दोस्ती को कभी
इत्तफाक नही कहते
क्या वही है पत्नी
इंतजार में बैठा शराबी पति
बरस परता है
उसके शरीर पे
फिर उसकी सिसकी सुनाई पड़ती है
आ ... आ .....आज भी पैसे नही लाये
फिर सास की जलील बातें
सब उसे जलाने
के खड़यन्त्र में लग जाते हैं
क्या वही है पत्नी
वह रोती है फूट फूट कर
फिर भी पति से प्यार करती है
बरस परता है
उसके शरीर पे
फिर उसकी सिसकी सुनाई पड़ती है
आ ... आ .....आज भी पैसे नही लाये
फिर सास की जलील बातें
सब उसे जलाने
के खड़यन्त्र में लग जाते हैं
क्या वही है पत्नी
वह रोती है फूट फूट कर
फिर भी पति से प्यार करती है
Subscribe to:
Posts (Atom)