Saturday, June 25, 2011

shahar ho gai


aaj ki subah jab.
tum mujhe u apni chuan se
meri palko ko chum liy.
aur meri aankhe tumhe dekhte hi
stabdh rah gai.
han mai unki ruh se.
is kadar dar gai
jayse koi sapna to nahi.
mai chup apni bistar par uth gai .
aur dekhti rah gai kamre ki tasvir ko.
jahan mera koi nahi.mai dekhti rah gai.
par wo bahut dur hai.
apni chasme se niharte huy
apni bahe failay
apni aagosh me chura liy wo.
jayse ganne ki khet me do premi!

Thursday, March 31, 2011

तुम्हारा चेहरा

इन आँखों में तिर आता है
तुम्हारा चेहरा ,
होटो की मुस्कराहट दिलो पर
उभरने लगता है ,
पर
आज भी उसे देखने ki चाह हो रही hai
इन आँखों को ।
समय के अन्तराल ने दुरिया ही ढाल दी .

एक ही आवाज

बे वक़्त घंटी बज उटती है
फ़ोन की
चाहे दिन हो या रात
एक ही आवाज गूंजती है
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
न जाने ये दर्द भरी आवाज इन्सान की है
या किसी देवता की

Tuesday, March 29, 2011

कि आ जाये कोई पैगाम तेरा

जब रात को याद उनकी आती है
सितारों में तस्‍वीर उनकी नजर आती है
खोजती हैं निगाहें उस प्‍यारे पल को
याद में उसकी सुबह हो जाती है

इंतजार रहता है हर शाम तेरा
रातें कटती हैं लेकर नाम तेरा
मुददत से बैठे हैं यह आस लेकर
कि आ जाये कोई पैगाम तेरा।

हर पल में

जिंदगी एक रात है
जिस में न जाने कितने खवाब हैं
जो मिल गया वो अपना है
जो टूट गया वो सपना है
ये मत सोचो कि जिंदगी में कितने पल हैं
ये सोचो कि हर पल में कितनी जिंदगी है

Wednesday, March 23, 2011

तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना

दुनिया
से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है
यादों से नही
साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!

ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत
को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर
से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!

दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते
है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा
मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते