Friday, November 28, 2008

दोस्ती को कभी इत्तफाक नही कहते

सिर्फ़ रिश्तों के बंधन को ,
विश्वाश नही कहते
हर आंसू को जज्बात नही कहते
किस्मत से मिलते हैं
दोस्त जिंदगी में
इसलिया दोस्ती को कभी
इत्तफाक नही कहते

8 comments:

Amit K Sagar said...

हर आंसू को जज्बात नही कहते...ये लाइन हज़म नहीं हो रही...वाकी अच्छा लिखा है. जारी रहें. शुभकामनाओं सहित;
सादर;
मेरे ब्लॉग पर आप सादर आमंत्रित हैं.

Prakash Badal said...

स्वागत है आपका लिखते रहें।

रश्मि प्रभा... said...

bahut achhi shuruaat hai........

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है
रचना पर टिपण्णी उसे पढ़ने के बाद दूँगी , शुभ-कामनाएं

मेरा ब्लाग आपकी टिपण्णी-सज्जा के लिए आतुर है कृप्या एक बार अवश्य पधारें

रचना गौड़ ’भारती’ said...

कलम से जोड्कर भाव अपने
ये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

!!अक्षय-मन!! said...

kafi accha likha hai.....
๑۩۞۩๑वंदना शब्दों की ๑۩۞۩๑

Manoj Kumar Soni said...

सच कहा है
बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.ucohindi.co.nr )
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr

pratik said...

bahut ache~i like it~~~~~