Tuesday, December 30, 2008

आज भी इस जिंदगी की चमक में तुम हो........

बेखौफ़ निगाहों से
जब तुम देखते हो मुझे
दिल उदास हो जाता है
बीते हुए क्षण
क्यूँ याद आते है इतना
फिर तड़प जाती हूँ मैं
अपना प्यार पाने के लिये
वो तमाम हरकते
गुदगुदाने लगती है
मेरे अस्मरण को
मेरी चाह थी तुम्हारे संग जीने की
पर समय और मज़बूरी ने
मुझे तोड़ दिया
आज मैं तुम्हें खोकर भी
तुम्हारी जान हूँ
प्यार है मेरी साँसों में
इस जिंदगी की किस्मत
सिर्फ़ आंसू है
हाँ
आज भी इस जिंदगी की
चमक में तुम हो।

इस जिंदगी की चमक में तुम हो

बेखौफ़ निगाहों
से जब तुम देखते हो
मुझे दिल उदास हो जाता है
बीते हुए क्षण क्यूँ याद आते हैं
इतना फिर तड़प जाती हूँ मैं
अपना प्यार पाने के लिये
वो तमाम हरकते गुदगुदाने लगती है
मेरे अस्मरण को
मैंने चाहा था तुम्‍हारे संग जीना
पर समय और मज़बूरी ने मुझे तोड़ दिया
आज मैं तुम्हें खोकर भी तुम्हारी जान हूँ
प्यार है मेरी साँसों में इस की किस्मत
सिर्फ़ आंसू है हाँ
आज भी इस जिंदगी की चमक में तुम हो