Friday, November 28, 2008

दोस्ती को कभी इत्तफाक नही कहते

सिर्फ़ रिश्तों के बंधन को ,
विश्वाश नही कहते
हर आंसू को जज्बात नही कहते
किस्मत से मिलते हैं
दोस्त जिंदगी में
इसलिया दोस्ती को कभी
इत्तफाक नही कहते

क्या वही है पत्नी

इंतजार में बैठा शराबी पति
बरस परता है
उसके शरीर पे
फिर उसकी सिसकी सुनाई पड़ती है
आ ... आ .....आज भी पैसे नही लाये

फिर सास की जलील बातें
सब उसे जलाने
के खड़यन्त्र में लग जाते हैं
क्या वही है पत्नी
वह रोती है फूट फूट कर
फिर भी पति से प्यार करती है